top of page
Image by NordWood Themes
Image by NordWood Themes

कौन हैं वे लोग

जो चुपचाप

जिसे हम जीवन कहते हैं

उसे चूहा दौड़ समझकर बाहर हो जाते हैं

जो इंकार कर देते हैं औरों के ही नहीं

खुद को भी

खुद से फुसलाए जाने से

कौन हैं वे लोग


जो खाँटी अभी जो वे हैं

उस धारदार सच में गोता लगाते हैं

जो उखाड़ देते हैं रिश्तों पर पड़ी सुनहली बेलबूटेदार पट्टियों को

जो सीधे भोगते हैं रिश्तों के नाम पर दो के बीच की घिसती

अंतहीन टीस को

और सवाल उठाते हैं

वह रिश्ता क्या है जो दो के बीच की रगड़ नहीं है

कौन हैं वे लोग


जो निकल जाते हैं सुझावों उपायों दूसरों के कमाए समाधानों द्वारा

बहलाए जाने से

अपना जीवन अपने जीवन का निदान अपना समाधान

जो खुद कमाते हैं

आख़िर इस हँसती खेलती दुनिया में उन्हें दुःख तो दुःख

सुख भी दुःख क्यूँ नज़र आता है

कौन हैं वे लोग

क्या चलता है उनके भीतर

जिनसे हमें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है

वह बात और है

जिनके जीने के ढंग का

हम पर जड़ मूल से फ़र्क़ पड़ता है


धर्मराज

17/08/21






134 views1 comment

1 Comment


roysuromita
Aug 17, 2021

Nice

Like
bottom of page