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प्रसाद चिंतामणि



चिंतामणि मिली है

पूछती है बोलो क्या चाहिए

दुनिया के तमाशे में जो चाहो वो किरदार तुम्हारा

मैं मुस्कुराता हुआ जान रहा हूँ

यह मणि

देखने का प्रसाद है

समझे न ?

‘देखना’


धर्मराज

22 March 2023


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