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सोया दुःख

Writer's picture: DharmrajDharmraj


दुःख तो था ही

वह सोया भी था

मैं दुःख के सागर में बिलबिलाता

सोया सोया बुड़ता उतराता था

उस दिन उस पार से जब वह पुकार गूँजी

जागो!

वह पुकार दुःख के पुलिंदे में

एक अध्याय और जोड़ती सी लगी

यह दुःख क्या कम था

जो अब जगने की पीड़ा भी सहनी होगी

इस सोने में तो भला

दुःख को किसी तरह सहने का पूरा

आयोजन बिठ गया है

सोना है और सहना है

यह जागकर दुःख दिखना

कितना विकराल तो न हो जावेगा

इसी उधेड़बुन में ज़रा सोया सोया सा था

कि फिर पुकार गूँजी

जागो

तिलमिलाकर जागा और खींचकर फरसा

उस पार से आती पुकार की ओर

दे मारा

खच्च से किसी अंग भंग की आवाज़ गूँजी

आश्वस्त मैं फिर अपने सोए दुःख में

डूब गया

सोचा अब यह मेरी नींद वेधती पुकार

कभी न आएगी

लेकिन उस दिन जब सोए सोए

दुःख में चीख रहा था

फिर वह आवाज़ गूँजी

थोड़ा स्वर मद्धिम था पर फिर से गूँजी

जागो!

मैंने क्रोध में भरकर फिर से उस पार गदा फेंकी

तड़ की आवाज़ गूँजी

शायद इस बार सिर ही टूट गया हो

मैं फिर अब आश्वस्त कि सदा के लिए यह आवाज़ शांत हो गई

अपने दुःख और रोने बिसूरने में लौट गया

उस साँझ जब

मैं अपनी ही हाय पर आप बैठा था

वह पुकार फिर मद्धिम स्वर में गूँजी

जागो!

मैंने तमतमाकर फिर भाला फेंका

उधर से एक कराह आई

अब तो मेरे नीरस निष्प्राण जीवन को

एक नया ही सहारा मिल गया

मैं ख़ूब अस्त्र शस्त्र जुटाता जाता था

और प्रतीक्षा करता रहता था

कि उधर से पुकार गूँजे

जागो!

और मैं इधर से साधकर वार करूँ

उधर पुकार गूँजती मैं इधर वार करता

उधर पुकार गूँजती मैं इधर वार करता

मुझे पता ही न चला कि

इस वार की तैयारी में प्रतीक्षा में वार में

और वार की सफलता पर आई

मुग्धता पर

मैं थोड़ा थोड़ा जागता गया

जागता गया जागता गया

पुकार अब थम गई है

शायद मैंने पुकारने वाले का पूरा तन

छीन लिया है

अब वह पुकार ही नहीं सकता

वह पुकारता पुकारता सदा को विदा हो गया

पर मैं अब थोड़ा जागा हूँ

जागा हूँ

अपने दुःख के प्रति जो अथाह सा था

पर अब टूट रहा है

साथ ही

जाग है अपने प्रति जो दुःख का एक मात्र कारण था

कुछ अज्ञेय सृजन में जीवन अंकुरित तो हो चला है

पर उसकी ख़बर नहीं

और आँखों में उमड़ते उस अशेष कृतज्ञता के लिए

अबाध बह रहे आँसू हैं

जो खुद को दाँव पर लगा मुझे जगाता गया

मैं उससे उसके बोल

उसके बोल की सम्भावना छीनता गया

वह मुझे अंतिम कोशिश तक

जगाता गया

जगाता गया



अज्ञात के पत्र

26 January 2023


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