top of page
Image by NordWood Themes
Image by NordWood Themes

हार का राज


जिस दिन कोई हारा इंसान मुझे सुनना चाहेगा

मैं उससे कहूँगा ज़िंदगी ग़र हराती है

हर जीत हार में बदल जाती है

तो सुनहरा मौक़ा है

बखूबी हार जाओ

ज़रा मुश्किल है यह करना

जुर्रत चाहिए

पर कर सको तो ज़रूर आजमाना

सीढ़ी चढ़ो और अंतिम पायदान पर पाँव धरने से पहले

नीचे उतर आओ

जीतने जीतने को हो बाज़ी कि

जान बूझकर हार जाओ

कर पाए तो

एक समय ऐसा आएगा कि

तुम ज़िंदगी की निगाह में आ जाओगे

एक समय ऐसा आएगा कि ज़िंदगी

तुम्हारी हार को गोद में ले लेगी

वह पूरी तरह हारे हुए को गोद में ले ही लेती है

बस इतना ध्यान रखना कि

“पूरा हारना”

फिर वह तुम्हें गिरने ही न देगी

वह वहाँ अपनी गोद से

किसी को गिरने ही नहीं देती है

तुम भूख से राज़ी हो जाओगे

वह छप्पन भोग परोसेगी

तुम अकेले में राज़ी हो जाओगे

न जाने कितने सम्बंध तुम्हारी तरफ़ दौड़ पड़ेंगे

तुम दुःख से राज़ी हो जाओगे

अपार सुख उतरने लगेगा

तुम मृत्यु से राज़ी हो जाओगे

चारों तरफ़ से रंध्र रंध्र से जीवन बरस पड़ेगा

ज़िंदगी तुम्हारे पीछे तुम्हें जिताने को हर ओर से भागेगी

ज़िंदगी जो भी परोसे उसे ख़ूब भोगना पर

जीत में कभी राज़ी न होना

ख्वाहिश ही जीत की न करना

तुम मज़े से हार में जीने को राज़ी रहना

जिसने हार का राज बूझा

उसने जीवन का राज बूझ ही लिया

धर्मराज

23/07/23

7 views0 comments

Recent Posts

See All

Comments


bottom of page