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Writer's pictureDharmraj

हो हो हुतात्मा हो



अकेले खड़े वृक्ष में सुंदरतम क्या है

नहीं कि वह उकरकर अकेला हो सका है

सुंदरतम है

वह अकेला है

यह जानता ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

खिलावट के अपने शीर्ष को

छू चुके फूल में सुंदरतम क्या है

नहीं कि वह अपनी चरम सम्भावनाओं को पहुँच चुका है

सुंदरतम है

वह खिला है

यह जानता ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

सूरज के प्रेम में

असंख्य जीव जंतुओं संग रोज़ प्रतीक्षा करती पृथ्वी

पृथ्वी के प्रेम में रोज़ आकर उन्हें पोषते सूरज के बीच

सुंदरतम क्या है

नहीं कि वे प्रेम रस से सिक्त हैं

सुंदरतम है

वे प्रेमसिक्त हैं

यह जानते ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

पके सेब के भार से झुकी

उसकी डाली में सुंदरतम क्या है

नहीं कि वह मिठास से भर कर झुकी है

सुंदरतम है

वह झुकी है

यह जानती ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

भोर में गाती कोयल की बोली में

सुंदरतम क्या है

नहीं कि वह मीठा गाती है

सुंदरतम है

वह मीठा गाती है

यह जानती ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

भीने भीने ‘उस’ परम रस में पगते मनुष्य में

सुंदरतम क्या है

नहीं की वह बिना शर्त अपनी आहुति दे सका

सुंदरतम है

वह उस अविनाशी में रस रूप हो चला है

यह जानता ही नहीं

ओ! बड़भागी मानुस

सम्यक् प्रश्न की वेदी पर

दे सको तो दो अपनी आहुति दो

हो हो हुतात्मा हो

धर्मराज

05 March 2022


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