मिलन
- Dharmraj
- Aug 13, 2021
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वह मुझसे तब मिलने आवें
जब मैं उनमें ही होऊँ
मुझमें मुझको ढूँढें
पर ना पावें
या जब उनको हो अभिलाषा
मुझको पाने की
मैं उनमें ऐसा मिट जाऊँ
मेरे भ्रम मुझको पा
वे खुद को ही पा जावें
हों आपूर नयन उनके जो
इस आत्म मिलन से
छलकें वे मुझ तक आने को
गिर उनके ही चरणों में ज़ावें
दुइ की दूरी बहुत हुई
आपा आप में अब ऐसा घुल जावे
दुई एक दोनों गल जावें
वह मुझसे तब मिलने आवें
जब मैं उनमें होऊँ
वह मुझमें मुझको न पावें
धर्मराज
05/05/2020

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