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Join date: Jul 9, 2021
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Dec 3, 2024 ∙ 5 min
अनगढ़िया देवा कौन करे तेरी सेवा - कबीर उलटबासी
अनगढ़िया अनगढ़िया देवा, कौन करै तेरी सेवा। गढ़े देव को सब कोइ पूजै, नित ही लावै सेवा। पूरन ब्रह्म अखंडित स्वामी, ताको न जानै भेवा। दस...
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Dec 1, 2024 ∙ 1 min
वह धूप हो गई है
उसने मुझसे कहा उसे कोई प्रेम पात्र न मिल सके इसलिए अब वह धूप से प्रेम करती है वह धूप से प्रेम करती है इसलिए वह उन सब जगहों पर पसर चली है...
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Nov 27, 2024 ∙ 1 min
माफ़ी
प्रेमिकाओं अपने प्रेमी से माफ़ी माँगो कि तुमने झरोखे से हट कर वह जो भोर की किरण आने दी है उसे अपना दिया उपहार कहा है प्रेमियों अपनी...
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Dharmraj
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