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तुम्हारे आशीष और प्रणाम
उस सुभोर जब मैंने तुम्हें पहला प्रणाम भेजा था शुभ्र बादलों के पटल पर उड़ते श्यामवर्णी पंछियों को निहारते अपनी ही गोद के पत्थरों से गुजरती...

Dharmraj
May 23, 20232 min read


रहस्य उत्तर
जब तुमने पूछा बरखा बूँद कहाँ से आई मैं भीगी बस भीगी मुझे उत्तर बादल न आया प्रिय कहो न क्या भिगना उत्तर तुम तक घिर पाया जब तुमने पूछा...

Dharmraj
May 22, 20231 min read


अतिरेक आवाहन
फूलों का अतिरेक आकाश में सुंदरता गूथ रहा है नदिया का अतिरेक न जाने कितने कंठों को सींच रहा है पंछियों का अतिरेक उपवन के निविड़ मौन में...

Dharmraj
May 21, 20231 min read


का अमरित की बूँद झरी
बहुत दिनन पर बदरा बरसे कोयल ने गाए गीत चादर फटक के चला मुसाफ़िर ना कोई वैरी ना ही मीत कहो रे भैया का अमरित की बूँद झरी बहुत दिनन पर बगिया...

Dharmraj
May 20, 20231 min read


मेरा मिटना चेरी खिलना
ज्यूँ ज्यूँ कृतज्ञता ने मुझे पोंछा चेरी की डालियाँ फूलों से लदी दिखी ज्यूँ ज्यूँ कृतज्ञता ने मुझे पोंछा चेरी के खिले वृक्ष की फुनगी पर...

Dharmraj
May 19, 20231 min read


हो हो हुतात्मा हो
अकेले खड़े वृक्ष में सुंदरतम क्या है नहीं कि वह उकरकर अकेला हो सका है सुंदरतम है वह अकेला है यह जानता ही नहीं ओ! बड़भागी मानुस सम्यक्...

Dharmraj
May 18, 20232 min read


मैं की टिम
वे सारे असम्भव प्रश्न उत्तरित हो चले हैं जिन्हें सम्भावनाओं की बागुड़ से पूछा गया था वे सारी पुकारें सुफ़ल हो चली हैं जो अज्ञेय की ओर...

Dharmraj
May 17, 20231 min read
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