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सूने गाँव के अतिथि
अतिथियों पधारो कभी इस गाँव में जहाँ कोई आतिथेय नहीं है गाँव के हर घर पर बंदनवार टँगे हैं रंगोली सजी है घर की दीवारें बासंती रंगी हैं...

Dharmraj
May 16, 20231 min read


मेरे भीतर चल रहे विचार
32/13/अभी अभी 1)अख़बार की प्रमुख लाइन बिहार के बेतिया ज़िले के मजूरटोला गाँव के राम किशुन आज सुबह नीम के पेड़ के नीचे अपनी खटिया पर जब...

Dharmraj
May 13, 20232 min read


अशेष काव्य
प्रेयसी द्वार पर है कदाचित उसके पावों की महावर हाथों की मेहंदी और बालों में गुथे बेला के फूलों की गँध से पहले ही उसके अतल गहराते मौन...

Dharmraj
May 11, 20232 min read


मुहब्बत की आयत
मुहब्बत की आख़िरी और पहली आयत से कुल हमने इतना सबक़ सीखा कि बस पोंछ दो खुद को जहाँ तक भी यार के मुमकिन कदम पड़ें फिर निगाहों को समेट लिया...

Dharmraj
May 10, 20231 min read
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