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लय लीलाधर में


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चोर होय तो साहू पर घात लगाए

जो साहू तो

चोरों पर मण्डराए

बिन पेंदी का जेबा जिसका

चोरसाहु के चंगुल से

बाहर पड़ जाए

भोगी होए

तो रमणी से नैन लड़ाए

जो जोगी तो नैन बचाए

नैन पड़े जिसके अपने नैनों पर

जोगभोग के झाँसे से वह

बाहर ही पड़ता जाए

विपरीत ध्रुवों की लीला का

जग ग्रास बना

बनता ही जाए

चीन्हा जिसने राज जगत में यह

लीलाधर का वह प्रिय

लीलाधर में लय होता जाए


धर्मराज

22 February 2023


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