top of page

Search


ध्यानशाला - अपने आड़े आप, सुबह का सत्र, 19 दिसंबर 2024
किसी का भी अनुकरण करना या करवाना, दोयम दर्जे का जीवन होता है। ज्यादा से ज्यादा हम साथ में चलते हुए सीखने की कीमिया को जीवन में अवसर दे...
Ashwin
Oct 32 min read


क्या कोई ऐसा जीना है जो सकल भ्रमों से मुक्त है? (ध्यानशाला - अपने आड़े आप, सुबह का सत्र, 20 दिसंबर 2024)
क्या कोई ऐसा जीना है जो सकल भ्रमों से मुक्त है? अपने ही पैरों में हम जंजीरें हैं, रिश्तों में हमारे प्रयास ही हमारे आड़े आप हैं। जीवन को...

Dharmraj
Sep 162 min read


कछू नहीं पहचनियाँ - कबीर उलटबासी
संतन जात न पूछो निरगुनियाँ साध बाभन साध छत्तरी साधै जाती बनियाँ साधन माँ छत्तीस कौम है टेढ़ी तोर पुछनियाँ साधै नाऊ साधै धोबी साध जाति...

Dharmraj
Sep 156 min read


वे मुझे धन्यवाद देते हैं
वे मुझे धन्यवाद देते हैं मैं उनसे माफ़ी माँगता हूँ वे कहते हैं आप से हमने अपूर्व सुना मैं ख़ुद से कहता हूँ कि अरे जो कहना था वह तो...

Dharmraj
Sep 51 min read


मुर्गी का उधार चुका देना - सप्ताहांत संवाद
सुकरात उन थोड़े से लोगों में एक हैं, जिनसे पूरी मनुष्य चेतना में नमक है। सुकरात ने मरने से पहले अपने मित्र को बुलाया और उससे कहा कि मैंने...

Dharmraj
Sep 45 min read


जो दीसै सो तो नाही है सो कहा न जाई - कबीर पद
कहै 'कबीर' सो पढ़ै न परलय जो दीसै सो तो नाही है सो कहा न जाई बिन देखै परतीत न आवै कहै न को पतियाना समझा होय तो शब्दै चीन्है अचरज होय...

Dharmraj
Dec 5, 202411 min read


वह जीना क्या है जो दो के खंडित धरातल से मुक्त है?
ध्यानशाला सुबह का सत्र, 19 नवंबर 2024 वह जीना क्या है जो दो के खंडित धरातल से मुक्त है? इसका उत्तर बुद्धि में नहीं आयेगा, पर जीवन में उतर...
Ashwin
Dec 4, 20244 min read
bottom of page




