माफ़ी
- Dharmraj
- Nov 27, 2024
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प्रेमिकाओं
अपने प्रेमी से माफ़ी माँगो कि
तुमने झरोखे से हट कर
वह जो भोर की किरण आने दी है
उसे अपना दिया
उपहार कहा है
प्रेमियों
अपनी प्रेमिका से माफ़ी माँगो
ज़मीन पर थमी अपनी देह के कंधों पर
झूलती उसकी बाँह को
तुमने अपने कंधे का दिया
सहारा कहा है
प्रेम हमें माफ कर दो
हमने तुम्हें
लेने देने में रखा है
धर्मराज
25/11/2024
(तिरु)
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