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वाद विवाद और सँवाद
पत्थर की हाथ से तराशी गई एक खुरदुरी स्लेटी रंग की गोल मेज़ के चारों ओर हम लोग बैठ गए। बैठने के लिए मेज़ के चारों ओर पत्थर की ही बेंच बनाई...

Dharmraj
Aug 25, 20215 min read


धत्त तेरे की
कभी आप अपने ऊपर खिलखिलाकर हँसे हैं और बोला है धत्त तेरे की बहुत चूके ज़िंदगी की साँसें थमने से पहले कम से कम यह मौक़ा तो मत चूकिए एक बार...

Dharmraj
Aug 24, 20212 min read


ध्यान में साक्षी क्यों ?
वे काफ़ी दूर से यात्रा करके आईं थी। कमरे में आते ही बिना औपचारिकता के उन्होंने कहा कि, कई वर्षों से वे रोज़ ध्यान का अभ्यास करती रही हैं।...

Dharmraj
Aug 23, 20217 min read


दो शातिर अंधेपन
पहाड़ की चोटियों पर धूप पसरने लगी थी। हम लोग जिस चट्टान पर बैठकर नदी की निर्मल, अविरल धारा को निहार रहे थे, वह हमारे भीतर बह रहे विचारों,...

Dharmraj
Aug 20, 20216 min read


दो शातिर अंधेपन
पहाड़ की चोटियों पर धूप पसरने लगी थी। हम लोग जिस चट्टान पर बैठकर नदी की निर्मल, अविरल धारा को निहार रहे थे, वह हमारे भीतर बह रहे विचारों,...

Dharmraj
Aug 20, 20216 min read


कौन हैं वे लोग
जो चुपचाप जिसे हम जीवन कहते हैं उसे चूहा दौड़ समझकर बाहर हो जाते हैं जो इंकार कर देते हैं औरों के ही नहीं खुद को भी खुद से फुसलाए जाने से...

Dharmraj
Aug 17, 20211 min read
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