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मैं की आँच
प्रार्थनाएँ पहुँचें प्रणाम पहुँचे पहुँच सकें तो इस हृदय वाद्य की मधुर स्वर लहरियाँ पहुँचें पर न इस मैं की आँच किसी तक पहुँचे न किसी मैं...

Dharmraj
Aug 4, 20211 min read


प्रेम में तपा वह
प्रेम में तपा वह कुछ भी महसूस करने को नहीं बचता जैसे चंदन का सूखा काठ उसको छूकर गुजरती हवाएँ महकती हैं उसके पड़ोसी पेड़ महकते हैं उसको...

Dharmraj
Aug 2, 20211 min read


वह मुस्का जाता है
ओटें सब आड़ें सब जब छिनती जाती हैं जब साये सब उठते जाते हैं टेकें जब सब ही गिरने लग जाती हैं पाँवों के नीचे की धरती भी जब पूरी खिसकी जाती...

Dharmraj
Aug 1, 20211 min read


पीठ हो गई है
क्या दिखता उसको जो हर तरफ़ उसकी पीठ हो गई है कोई कहता लो प्रेम सिक्त आलिंगन लो नयनों पर यह अधरों का चुम्बन लो बिना मुड़े वह मदमाता जाता...

Dharmraj
Jul 31, 20211 min read


न न न वे न हों
मेरी भोर की प्रार्थनाओं में यदि गहरी से गहरी नींद में बेसुध के भी परम कल्याण का निवेदन शामिल न हो न न न वे न स्वीकृत हों जिस मुक्ति में...

Dharmraj
Jul 30, 20211 min read


यह हो चुका
क्या कभी आपने कहा है कि यह हो चुका शब्दों में नहीं ख़्यालों में नहीं बल्कि इसके अपने पूरे होने में कभी आपने कहा है जैसे झपकने से पहले...

Dharmraj
Jul 29, 20211 min read
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