दुहाई प्रेम की
- Dharmraj
- Feb 5, 2024
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सगरी दुहाई
बैरंग लौट आई हो
तो देना दुहाई प्रेम की
प्रेम दुहाई है जो कभी चूकती नहीं
फिर आती है वह
प्रेमदेव को साथ लेकर
जिनकी उपस्थिति सकल शोकहारी है
बैरंग लौट आई हो
दुहाई न्याय की अन्याय की
नीति की अनीति की
धर्म की अधर्म की
पाप की पुण्य की
तो देना दुहाई प्रेम की
बैरंग लौट आई हो
दुहाई रक्त की रिश्ते और नाते की
दावे और करार की
ईश्वर की अनीश्वर की
धन पद और प्रतिष्ठा की
ज्ञान की ध्यान की
तो देना दुहाई प्रेम की
घोर शोक में
जब कोई उपाय जीवन में न दिखे
जोड़ना अपने हृदय पे हाथ
मूँदना नयन
देना दुहाई प्रेम की
धर्मराज
05/02/2024
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