कभी मिलने आना मुझसे
- Dharmraj
- Jul 20, 2024
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कभी मिलने आना मुझसे
तो जरा होशियार रहना
आदमी हूँ
बड़े चेहरों के पार रहता हूँ
मुझे देखना तो
मेरी देखती आँखों को भी
देख लेना
बुझी आँखों से भी मैं
धोखा देता हूँ
देखता सा दिखता हूँ
मुझे सुनना तो
मेरी जीभ झाँक लेना
किसी और की जीभ से भी
मैं बखूबी बोल लेता हूँ
कुछ कहना तो ख्याल रखना
कान बन्द होने पर भी
सिर हिलाता हूँ
सुनता सा लगता हूँ
गले लगना तो हाथ
रीढ़ पर फिरा लेना
जो होती ही नहीं फिर भी
अकड़ हजार रखता हूँ
और तो और जरा
नब्ज भी टटोल लेना मेरी
मरने के बाद भी कभी कभी
अपनी जिन्दा लाश रखता हूँ
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धर्म
26/07/2016
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