DharmrajMar 201 min readमरो ही जोगी मरो!मरो ही जोगी मरो!फिर कहता हूँ! यही सदा कहता रहा हूँ!बार बार कहता रहूँगाकुछ और कभी किसी के लिए और कहने को है ही नहीं कि,“प्रेम एक मात्र समाधान है”और ‘मैं’ एक मात्र प्रेम की बाधा। धर्मराज
मरो ही जोगी मरो!फिर कहता हूँ! यही सदा कहता रहा हूँ!बार बार कहता रहूँगाकुछ और कभी किसी के लिए और कहने को है ही नहीं कि,“प्रेम एक मात्र समाधान है”और ‘मैं’ एक मात्र प्रेम की बाधा। धर्मराज
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