मरो ही जोगी मरो!DharmrajMar 20, 20241 min readमरो ही जोगी मरो!फिर कहता हूँ! यही सदा कहता रहा हूँ!बार बार कहता रहूँगाकुछ और कभी किसी के लिए और कहने को है ही नहीं कि,“प्रेम एक मात्र समाधान है”और ‘मैं’ एक मात्र प्रेम की बाधा। धर्मराज
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