top of page

Search


हंसी और नृत्य: अकारणता की सुंदरता (सुबह का सत्र, 10 जनवरी 2024)
सुबह का सत्र, 10 जनवरी 2024 ऐसे देखो जैसे पहली बार देखा जा रहा है, जैसे मां पहली बार बच्चे को देखती है। प्रश्न - एक झलक मिली है प्रेम की,...

Dharmraj
Jan 10, 20246 min read


आप हर बात मैं पर ही क्यों ले आते हैं? एक आत्मज्ञानी की दृष्टि (सांझ का सत्र, 9 जनवरी 2024)
सांझ का सत्र, 9 जनवरी 2024 प्रश्न - प्रेम और होश एक कैसे हैं? जब आप किसी से प्रेम में होते हैं तो कभी ऐसा लगता है कि जैसे समय रुक गया है,...

Dharmraj
Jan 10, 20246 min read


काल के ग्रास से बाहर निकलने का मार्ग - (सुबह का सत्र, 9 जनवरी 2024)
सुबह का सत्र, 9 जनवरी 2024 एक होता है कि वो जीना क्या है जो मैं से मुक्त है, यह अमोघ प्रश्र उठाना। दूसरा है कि यह प्राणपन से चाहना या...

Dharmraj
Jan 9, 20246 min read


चित्त की दीवार: सुविधा से बाहर का सफर (सुबह का सत्र, 8 जनवरी 2024)
सुबह का सत्र, 8 जनवरी 2024 सुविधा, संबंध के रस में विचारों की कोई भूमिका नहीं है। अभयता हमारा स्वभाव है। जन्म से पहले की स्थिति परम...

Dharmraj
Jan 8, 20246 min read


प्रेम का दीप (सुबह का सत्र, 3 जनवरी 2024)
सुबह का सत्र, 3 जनवरी 2024 यह तत वह तत एक है, एक प्रान दुई गात। अपने जिय से जानिए, मेरे जिय की बात।। वह या यह जैसा कुछ नहीं होता, तत्व एक...

Dharmraj
Jan 3, 20246 min read


जीवन पथ पर होश का दीप (सुबह का सत्र, 2 जनवरी 2024)
सुबह का सत्र, 2 जनवरी 2024 दृश्य तो हमेशा नया ही होता है, हमारे द्वारा उसे देखना पुरानी दृष्टि से होता है। एक छोटे से गांव में जो अंदर...

Dharmraj
Jan 2, 20249 min read


Satsang - 17 September, 2021
"आत्म उद्धार", के कुछ मुख्य अंश - By Ashwin https://youtu.be/q0c7OSkh0sw १) इस यात्रा का प्रारंभ तो है पर अंत नहीं है। हम जैसे जैसे दुख...

Dharmraj
Aug 31, 20232 min read
bottom of page




