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जीवन की चुनौतियों में ध्यान का महत्व
ध्यानशाला भोर का सत्र, 22 मई 2024 एक बार एक व्यक्ति से जीसस ने कहा कि जिंदगी में मछलियां ही पकड़ते रहोगे या कुछ जानोगे भी जीवन के बारे...
Ashwin
May 31, 20244 min read


राम गुण न्यारो न्यारो न्यारो (कबीर उलटवासी का मर्म)
राम गुण न्यारो न्यारो न्यारो राम गुण न्यारो न्यारो न्यारो अबुझा लोग कहाँ लौं बूझ बूझनहार विचारो राम गुण न्यारो न्यारो न्यारो केते...
Ashwin
May 27, 20246 min read


अरण्यकोत्सव तृतीय (एक उद्गार)
अँधेरा घुप्प है हवाएँ तेज हैं फिर भी जले दीये को जलाए रखने की कोशिश जारी है जलते-जलते दीया लड़खड़ाकर टिमटिमा जाता है फिर भी बुझता नहीं...

Dharmraj
Apr 22, 20241 min read


बिना कोशिश के बोध का उतरना क्या है - ध्यानशाला भोर का सत्र, 21 अप्रैल 2024
यहां जो भी हम कर रहे हैं उसका कोई अर्थ नहीं है, पर साथ ही इससे ज्यादा अर्थपूर्ण और उद्यम और कुछ नहीं हो सकता है। अस्तित्व में सब कुछ...
Ashwin
Apr 22, 20243 min read


दूसरे चरण से मुक्त जीना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 20 अप्रैल 2024
दूसरे चरण से मुक्त जीना क्या है? मैं या मेरा होना ही दूसरा चरण है, ऐसा नहीं हो सकता है कि मैं भी रहूंगा और पहला चरण भी बना रहे। मस्तिष्क...
Ashwin
Apr 22, 20245 min read


असंतुलन से संतुलन - ध्यानशाला भोर का सत्र, 19 अप्रैल 2024
हम जो भी करते हैं वह एक दुश्चक्र है। हमारे कुछ भी करने से मैं मजबूत होता है और मैं मजबूत होने से हम और किसी कार्य में उलझ जाते हैं, यह एक...
Ashwin
Apr 19, 20243 min read


अस्तित्व का नृत्य - ध्यानशाला भोर का सत्र, 18 अप्रैल 2024
मन शरीर का ही एक क्लोन है। पैर यानी क्या, हाथ यानी क्या, शरीर या मन को ऐसे देखिए कि जैसे पहली बार देख रहे हैं। गुरु वो कला है, वो कीमिया...
Ashwin
Apr 18, 20243 min read
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