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बाढ़न लागी प्रीति नई - कबीर उलटवासी का मर्म (अरण्यगीत) - धर्मराज
बाढ़न लागी प्रीति नई गुरु मोहि जीवन मूर दई। जल थोड़ा बरषा भई भारी, छाय रही सब लाल मई। छिन छिन पाप कटन जब लागे, बाढ़न लागी प्रीति नई।।...
Ashwin
Jul 19, 20246 min read


भक्ति का मारग झीना रे - कबीर उलटवासी का मर्म (अरण्यगीत) - धर्मराज
भक्ति का मार्ग झीना रे। १) भक्ति का मारग झीना रे नहि अचाह है नहि चाहना चरणन लौ लीना रे साधन केरी रस धारा में रहे निस दिन भीना रे राम सुधी...
Ashwin
Jul 19, 20243 min read


प्रेम मड़ैया छावे - कबीर उलटवासी का मर्म (अरण्यगीत)
प्रेम मड़ैया छावै। १) संतो सो सदगुरु मोहि भावै संतो सो सदगुरु मोहि भावै, जो आवागमन मिटावै। डोलत डिगै ना बोलत बिसरे, अस उपदेश सुनावै।। बिन...
Ashwin
Jul 19, 20249 min read


लोचन रहते अंधा - कबीर उलटवासी का मर्म । अरण्यगीत । धर्मराज
लोचन रहते अंधा। अवधू ऐसा ज्ञान विचार भेरें चड़े सो अद्धर डूबे निराधार भये पार। औघट चले सो नगरी पहुँचे बाट चले सो लूटे एक जेवड़ी सब लपटाने...
Ashwin
Jul 19, 20249 min read


मनुष्य के दो पथ
मनुष्य के दो पथ ~~~~~~~~~~~ उन शाक्य मुनि को पहले ही निवाले में यह भान हो गया कि, भोजन विषाक्त है। वे देखते हैं, एक तरफ़ कृतज्ञता से आपूर...

Dharmraj
Jul 11, 20241 min read


जीवन के उतार-चढ़ाव में कृतज्ञता की महत्ता
यह 2006 की बात है, मेरे जीवन में गंभीर प्रश्न उठने शुरू हो गए थे। मैंने नौकरी, घर छोड़ने का निर्णय ले लिया था। उस समय पूर्वांचल में एक...

Dharmraj
Jul 8, 20243 min read


मिर्जापुर कइला गुलज़ार हो!
मिर्जापुर कइला गुलज़ार हो! भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बनारस की कचौड़ी गली से एक क्रांतिकारी को रात तब पकड़ लिया जब वह अपनी प्रेयसी...

Dharmraj
Jul 2, 20242 min read
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