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दूसरे चरण से मुक्त जीना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 20 अप्रैल 2024
दूसरे चरण से मुक्त जीना क्या है? मैं या मेरा होना ही दूसरा चरण है, ऐसा नहीं हो सकता है कि मैं भी रहूंगा और पहला चरण भी बना रहे। मस्तिष्क...
Ashwin
Apr 22, 20245 min read


असंतुलन से संतुलन - ध्यानशाला भोर का सत्र, 19 अप्रैल 2024
हम जो भी करते हैं वह एक दुश्चक्र है। हमारे कुछ भी करने से मैं मजबूत होता है और मैं मजबूत होने से हम और किसी कार्य में उलझ जाते हैं, यह एक...
Ashwin
Apr 19, 20243 min read


अस्तित्व का नृत्य - ध्यानशाला भोर का सत्र, 18 अप्रैल 2024
मन शरीर का ही एक क्लोन है। पैर यानी क्या, हाथ यानी क्या, शरीर या मन को ऐसे देखिए कि जैसे पहली बार देख रहे हैं। गुरु वो कला है, वो कीमिया...
Ashwin
Apr 18, 20243 min read


माता सीता का पात्र - ध्यानशाला सांझ का सत्र, 16 अप्रैल 2024
प्रश्न - कृपया माता सीता के पात्र पर प्रकाश डालें। माता सीता के पात्र से श्रेष्ठ कोई पात्र नहीं है, विशेष कर स्त्रायन चित्त की भूमिका...
Ashwin
Apr 18, 202410 min read


पटाचारा का सौभाग्य - ध्यानशाला भोर का सत्र, 17 अप्रैल 2024
किसी चीज को देखना यानी उसको बिना नाम दिए बस उपस्थित होना। पटाचारा श्रावस्ती के नगरसेठ की पुत्री थी। किशोरवय होने पर वह अपने घरेलू नौकर के...
Ashwin
Apr 17, 20242 min read


बिना नाम दिए देखना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 16 अप्रैल 2024
यदि हम उसे कोई नाम नहीं दें, तो सूर्य का उगना और हमारा होना, एक अटूट घटना है। वो जीना क्या है जो दूसरे कदम से मुक्त है? इसका कोई उत्तर...
Ashwin
Apr 16, 20244 min read


बिना आग्रह का जीवन, पानी की तरह होना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 15 अप्रैल 2024
जो भी जीवन सामने प्रकट है, उसमें पानी हो जाइए। प्रश्न - मैं जीवन में बहुत असफल हुई हूं, मेरी मर्जी से हुए असफल विवाह की वजह से माता पिता...
Ashwin
Apr 15, 20248 min read
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