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प्रेम ही हाज़िर है
प्रेम ही हाज़िर है —————— एक प्रेम ही है जो हाज़िर मिलता है तब जब आप चिलचिलाती धूप में आसमान की तरफ़ देखते हैं एक बदली की तरह वह हाज़िर...

Dharmraj
Mar 20, 20241 min read


मरो ही जोगी मरो!
मरो ही जोगी मरो! फिर कहता हूँ! यही सदा कहता रहा हूँ! बार बार कहता रहूँगा कुछ और कभी किसी के लिए और कहने को है ही नहीं कि, “प्रेम एक मात्र...

Dharmraj
Mar 20, 20241 min read


बाढ़न लागी प्रीति नई - कबीर उलटवासी
बाढ़न लागी प्रीति नई गुरु मोहि जीवन मूर दई। जल थोड़ा बरषा भई भारी, छाय रही सब लाल मई। छिन छिन पाप कटन जब लागे, बाढ़न लागी प्रीति नई।।...

Dharmraj
Feb 26, 20246 min read
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