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मध्य में जीना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 30 मार्च 2024
हाथ, शरीर, मन, या उपस्थिति को देखिए बिना हाथ, शरीर, मन या उपस्थिति नाम दिए। जैसे इसे पहली बार देखा जा रहा है, एकदम बालवत। मध्य में जीना...
Ashwin
Mar 30, 20244 min read


ना कुछ होकर के जीना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 29 मार्च 2024
कुछ नहीं होकर, या ना कुछ होकर के भी जीना क्या है? असंभव प्रश्न से उत्पन्न समाधान की किरणें सारी मनुष्य चेतना में फैलती हैं। एक अभिनेत्री...
Ashwin
Mar 30, 20243 min read


निर्णय और अनिर्णय के संघर्ष में जीवन - ध्यानशाला भोर का सत्र, 28 मार्च 2024
जब आप एक निर्णय लेते हैं तो फिर आपके पीछे कोई होगा जो आपके लिए निर्णय लेगा, उसका परिणाम छूटेगा। जिसका निर्णय नहीं लिया जा सकता है, वही तो...
Ashwin
Mar 30, 20242 min read


मन: दुश्चक्र का आधार, समझ का संग्रहण (ध्यानशाला सांझ सत्र, 26 मार्च 2024)
मन भुलावा और झांसा बहुत देता है, पर करता कुछ नहीं है। यदि आप देखने में सक्षम हो गए तो फिर कोई समस्या ही नहीं है। मन एक दुश्चक्र है, जो हर...
Ashwin
Mar 28, 20244 min read


गुण और शक्ति के बिना जीना - ध्यानशाला भोर का सत्र, 27 मार्च 2024
बिना किसी गुण, बिना किसी शक्ति के जीना क्या है? इमाम गजाला एक बड़ा विद्वान था, उसने बहुत सारी किताबें इकट्ठी कर रखी थीं, जिससे उसको जीवन...
Ashwin
Mar 27, 20243 min read


जीवन का यथार्थ - ध्यानशाला भोर का सत्र, 26 मार्च 2024
बिना कुछ भी बदले, बिना कुछ भी नाम दिए, बिना हस्तक्षेप के खुद को देखना, उसको जीना क्या है? किसी उत्तर की आकांक्षा मत करिए, यही असंभव...
Ashwin
Mar 26, 20243 min read


अमोघ कला: जीवन का सत्य - ध्यानशाला भोर का सत्र, 25 मार्च 2024
ध्यानशाला भोर का सत्र, 25 मार्च 2024 यहां ऐसे शुरू करते हैं जैसे अभी तक कुछ भी नहीं सीखा है, जैसे पहली बार शुरू से इस कीमिया को अवसर दिया...

Dharmraj
Mar 25, 20244 min read
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