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सत्संग की महिमा (ध्यानशाला सुबह का सत्र, 22 जून 2024)
कबीर साहब से एक युवक ने पूछा कि सत्संग से क्या मिलता है? कबीर साहब ने कुछ नहीं कहा बस हथौड़ा उठाया और एक चोट खूंटे पर कर दी। यही क्रम...
Ashwin
Oct 10, 20242 min read


कुर्ते का सीधा पहनना क्या है? (ध्यानशाला सुबह का सत्र, 23 जून 2024)
कुर्ते का सीधा पहनना क्या है? वह उपस्थिति जो हम नहीं साध रहे हैं, वो कुर्ते का सीधा पहनना है। खुद को बटोर करके एक तरफ रख दीजिए, और निसर्ग...
Ashwin
Oct 9, 20242 min read


उपस्थिति जिसमें मेरी भूमिका नहीं है (ध्यानशाला सुबह का सत्र, 21 जून 2024
वह उपस्थिति क्या है, जिसमें मैं की उपस्थिति की कोई भूमिका नहीं है? एक उपस्थिति है जो अपने से सधी ही हुई है। उपस्थिति ही जागरूकता है,...
Ashwin
Sep 30, 20244 min read


बिना माध्यम का सुख - ध्यानशाला सुबह का सत्र, 19 जून 2024
एक अभिनेत्री जो जीवन में बहुत कुछ पा चुकी थी, एक झेन मास्टर के पास गई और उनसे कहा कि मैं फिर से कुछ नहीं हो जाना चाहती हूं। कोई भी...
Ashwin
Sep 17, 20245 min read


निष्कर्षों से मुक्त चित्त की यात्रा - ध्यानशाला सुबह का सत्र, 20 जून 2024
धर्म हमारा,आपका यानी सोच विचार से बनी मैं की संस्था का अंत है, उसमें जिसका नाम सत्य है। ईश्वर या सत्य निराकार है यह तथ्य जीवंत है, पर जब...
Ashwin
Sep 17, 20242 min read


जुगन जुगन की तृषा बुझानी - कबीर उलटवासी का मर्म (धर्मराज)
जुगन-जुगन की तृष्णा बुझानी। १) रस गगन गुफा में अजर झरे। बिनु बाजा झनकार उठे जहँ, समुझि परै जब ध्यान धरै। बिना ताल जहँ कवल फुलाने,...
Ashwin
Sep 16, 20249 min read


चुग़ली - सप्ताहांत संवाद
एक साधु कुछ समय के बाद अपने मठ में लौटे तो देखा कि वहां पर ध्यान जैसा जीवन में उतर जाना चाहिए, वैसा नहीं हो रहा है। उन्होंने पाया कि वहां...
Ashwin
Sep 16, 20247 min read
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