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जनम जनम के (रोगी, भोगी, जोगी)
जनम जनम के (रोगी, भोगी, जोगी) ख़ुद के प्रति देखते-सीखते स्वयं की दशा को यदि कहना हो तो कह सकता हूँ, यह तीन भागों में मुख्यतः गति करती है।...

Dharmraj
Jul 10, 20243 min read


जीवन के उतार-चढ़ाव में कृतज्ञता की महत्ता
यह 2006 की बात है, मेरे जीवन में गंभीर प्रश्न उठने शुरू हो गए थे। मैंने नौकरी, घर छोड़ने का निर्णय ले लिया था। उस समय पूर्वांचल में एक...

Dharmraj
Jul 8, 20243 min read


मिर्जापुर कइला गुलज़ार हो!
मिर्जापुर कइला गुलज़ार हो! भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय बनारस की कचौड़ी गली से एक क्रांतिकारी को रात तब पकड़ लिया जब वह अपनी प्रेयसी...

Dharmraj
Jul 2, 20242 min read


धर्मराज जी संग आरण्यक अरुणाचला का अनुभव: माया
साधु! एक रिक्त व्यक्ति, क्षण में सर्वदा उपलब्ध व्यक्ति। 'हाँ' में राजी, उतना ही 'न' में राजी। स्वागत के अपने बांह खोले, जब, जहाँ, जैसे...

Maya
Jun 28, 20242 min read


धर्मराज जी संग आरण्यक तिरुवन्नामलाई का अनुभव - अमिता सिंह
मेरी तिरुवान्मल्लाई आने की वजह यहाँ की ऊर्जा हैं यहाँ रहस्यमयी ऊर्जा का विराट समंदर हैं जो बहुत शक्ति से खींचता हैं औऱ एक खिंचाव धर्मराज...

Amita Singh
Jun 28, 20242 min read


तिरुवन्नामलाई में धर्मराज जी के साथ अनुभव: बिक्रम झा
दिनांक 8 से 24 तक जीवन का कुछ ऐसा संयोग बना की तिरुवन्नामलाई में रहने का अवसर मिला, आज इस पोस्ट के माध्यम से मैं कोशिश करूंगा अपने...

Bikram Jha
Jun 28, 20244 min read


कथनी और करनी (ध्यानशाला सुबह का सत्र, 18 जून 2024)
हमारी कथनी और करनी में भेद है, क्योंकि जो हमारा निर्णय लेने वाला यंत्र है, उसमें ही त्रुटि है। उसके निर्णय सम्यक नहीं होते, इसलिए कथनी और...
Ashwin 
Jun 19, 20244 min read
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