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बिना माध्यम का सुख - ध्यानशाला सुबह का सत्र, 19 जून 2024
एक अभिनेत्री जो जीवन में बहुत कुछ पा चुकी थी, एक झेन मास्टर के पास गई और उनसे कहा कि मैं फिर से कुछ नहीं हो जाना चाहती हूं। कोई भी...
Ashwin
Sep 17, 20245 min read


निष्कर्षों से मुक्त चित्त की यात्रा - ध्यानशाला सुबह का सत्र, 20 जून 2024
धर्म हमारा,आपका यानी सोच विचार से बनी मैं की संस्था का अंत है, उसमें जिसका नाम सत्य है। ईश्वर या सत्य निराकार है यह तथ्य जीवंत है, पर जब...
Ashwin
Sep 17, 20242 min read


जुगन जुगन की तृषा बुझानी - कबीर उलटवासी का मर्म (धर्मराज)
जुगन-जुगन की तृष्णा बुझानी। १) रस गगन गुफा में अजर झरे। बिनु बाजा झनकार उठे जहँ, समुझि परै जब ध्यान धरै। बिना ताल जहँ कवल फुलाने,...
Ashwin
Sep 16, 20249 min read


चुग़ली - सप्ताहांत संवाद
एक साधु कुछ समय के बाद अपने मठ में लौटे तो देखा कि वहां पर ध्यान जैसा जीवन में उतर जाना चाहिए, वैसा नहीं हो रहा है। उन्होंने पाया कि वहां...
Ashwin
Sep 16, 20247 min read


स्वयं को देखने की कला - ध्यानशाला 6 सितंबर 2022, सांझ का सत्र
१) जागरण जीवन के साथ साथ समूचे अस्तित्व का स्वभाव है, उसकी अभिव्यक्ति असंभव प्रश्न के माध्यम से जीवन में अवसर पाती है। मैं यदि जीवन का...

Dharmraj
Sep 15, 20245 min read


गुरु ने पठाया बच्चा न्यामत लाना (कबीर उलटवासी का मर्म)
१) गुरु ने पठाया बच्चा न्यामत लाना। पहली न्यामत आटा लाना, गाँव नगर के पास न जाना, हाट बाज़ार छोड़ि के बच्चा, झोरी भर के लाना। दूसरी...

Dharmraj
Sep 15, 20248 min read


ग़रीबी और बेरोज़गार - साप्ताहिक संवाद
१) एक बड़ा हानिकारक मंत्र हमारे कान में फूंक दिया गया है कि जीवन अभी नहीं है, जीवन कहीं और है, कहीं बाद में है। हम एक आभासीय माध्यम से,...
Ashwin
Sep 14, 20245 min read
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